देशभक्तिपूर्ण Poetry (page 17)
मानूस हो गए हैं ग़म-ए-ज़िंदगी से हम
आसी रामनगरी
ऐ जुनूँ फिर मिरे सर पर वही शामत आई
आसी ग़ाज़ीपुरी
सलोनी सर्दियों की नज़्म
आमिर सुहैल
अदा है ख़्वाब है तस्कीन है तमाशा है
आमिर सुहैल
दो-शाला शाल कश्मीरी अमीरों को मुबारक हो
आग़ा अकबराबादी
सर्व-क़द लाला-रुख़ ओ ग़ुंचा-दहन याद आया
आग़ा अकबराबादी
क्या बनाए साने-ए-क़ुदरत ने प्यारे हाथ पाँव
आग़ा अकबराबादी
हिन्दोस्ताँ
आफ़ताब राईस पानीपती
दीवाली
आफ़ताब राईस पानीपती
चढ़ा दिया है भगत-सिंह को रात फाँसी पर
आफ़ताब राईस पानीपती
बाबा गाँधी
आफ़ताब राईस पानीपती