देशभक्तिपूर्ण Poetry (page 9)
मेरे ख़ामोश ख़ुदा
बुशरा एजाज़
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
बिस्मिल अज़ीमाबादी
न अपने ज़ब्त को रुस्वा करो सता के मुझे
बिस्मिल अज़ीमाबादी
क्या रौशनी-ए-हुस्न-ए-सबीह अंजुमन में है
बिशन नरायण दराबर
दिल मिरा तीर-ए-सितम-गर का निशाना हो गया
भारतेंदु हरिश्चंद्र
पयाम ले के जो पैग़ाम-बर रवाना हुआ
बेखुद बदायुनी
ख़ंजर तलाश करता है
बेबाक भोजपुरी
रौनक़ फ़रोग़-ए-दर्द से कुछ अंजुमन में है
बेबाक भोजपुरी
हक़ पसंदों से जहाँ बर-सर-ए-पैकार सही
बेबाक भोजपुरी
इश्क़-ए-सितम-परस्त क्या हुस्न-ए-सितम-शिआ'र क्या
बासित भोपाली
दिल लगा लेते हैं अहल-ए-दिल वतन कोई भी हो
बासिर सुल्तान काज़मी
दिल लगा लेते हैं अहल-ए-दिल वतन कोई भी हो
बासिर सुल्तान काज़मी
ज़ौक़-ए-उल्फ़त अब भी है राहत का अरमाँ अब भी है
बशीरुद्दीन अहमद देहलवी
ये चराग़ बे-नज़र है ये सितारा बे-ज़बाँ है
बशीर बद्र
पत्थर के जिगर वालो ग़म में वो रवानी है
बशीर बद्र
मिरी ग़ज़ल की तरह उस की भी हुकूमत है
बशीर बद्र
मेरे सीने पर वो सर रक्खे हुए सोता रहा
बशीर बद्र
ये हुस्न है झरनों में न है बाद-ए-चमन में
बशर नवाज़
जब अयाँ सुब्ह को वो नूर-ए-मुजस्सम हो जाए
मिर्ज़ा रज़ा बर्क़
हिन्द के जाँ-बाज़ सिपाही
बर्क़ देहलवी
ये रुख़-ए-यार नहीं ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ के तले
बक़ा उल्लाह 'बक़ा'
मैं भाग के जाऊँगा कहाँ अपने वतन से
बाक़र मेहदी
ख़बर सुनेगा मिरी मौत की तो ख़ुश होगा
बाक़र मेहदी
इश्क़ की सारी बातें ऐ दिल पागल-पन की बातें हैं
बाक़र मेहदी
तिश्नगी-ए-लब पे हम अक्स-ए-आब लिक्खेंगे
बख़्श लाइलपूरी
दुनिया में इबादत को तिरी आए हुए हैं
बहराम जी
बनाया ऐ 'ज़फ़र' ख़ालिक़ ने कब इंसान से बेहतर
ज़फ़र
याँ ख़ाक का बिस्तर है गले में कफ़नी है
ज़फ़र
वतन
अज़मतुल्लाह ख़ाँ
प्यारा प्यारा घर अपना
अज़मतुल्लाह ख़ाँ