बारिश Poetry
जो पहले ज़रा सी नवाज़िश करे है
फ़ारूक़ रहमान
नहीं कि ज़िंदा है बस एक मेरी ज़ात में इश्क़
एज़ाज़ काज़मी
पतझड़ का मौसम था लेकिन शाख़ पे तन्हा फूल खिला था
बिमल कृष्ण अश्क
पिछले बरस तुम साथ थे मेरे और दिसम्बर था
फ़रह शाहिद
तिरे ख़याल के बादल उतर के आए हैं
तरुणा मिश्रा
इक उम्र से जिस को लिए फिरता हूँ नज़र में
अहमद फ़ाख़िर
उठा कर बर्क़-ओ-बाराँ से नज़र मंजधार पर रखना
ज़ुबैर शिफ़ाई
देखे-भाले रस्ते थे
असरार ज़ैदी
आकाश पे बादल छाए थे
बीना गोइंदी
सितम कब उन पे ढाया है किसी ने
जावेद सिद्दीक़ी आज़मी
अफ़्सूँ पहली बारिश का
मसूद मिर्ज़ा नियाज़ी
हश्र-ए-ज़ुल्मात से दिल डरता है
महमूद शाम
तलाश-ए-नूर
दर्शन सिंह
मोहब्बत अब नहीं होगी
मुनीर नियाज़ी
बारिश
एहतिशाम अख्तर
ज़िंदगी और मौत
फ़ज़लुर्रहमान
कोई आवाज़ नहीं
तनवीर अंजुम
नक़ाब चेहरे से उस के कभी सरकता था
इरफ़ान अहमद
चैत का फूल
इक़तिदार जावेद
अंधराता
इक़तिदार जावेद
मैं कि वक़्फ़-ए-ग़म-ए-दौराँ न हुआ था सो हुआ
इक़बाल उमर
छतों पे आग रही बाम-ओ-दर पे धूप रही
इक़बाल उमर
प्यासो रहो न दश्त में बारिश के मुंतज़िर
इक़बाल साजिद
सरसब्ज़ दिल की कोई भी ख़्वाहिश नहीं हुई
इक़बाल साजिद
कटते ही संग-ए-लफ़्ज़ गिरानी निकल पड़े
इक़बाल साजिद
इक रिदा-ए-सब्ज़ की ख़्वाहिश बहुत महँगी पड़ी
इक़बाल साजिद
कभी आइने सा भी सोचना मुझे आ गया
इक़बाल कौसर
यही नहीं कि निगाहों को अश्क-बार किया
इक़बाल कैफ़ी
ख़िज़ाँ का क़र्ज़ तो इक इक दरख़्त पर है यहाँ
इक़बाल अशहर कुरेशी
सताया आज मुनासिब जगह पे बारिश ने
इक़बाल अशहर