बारिश Poetry (page 19)
आए हम 'ग़ालिब'-ओ-'इक़बाल' के नग़्मात के बा'द
अली सरदार जाफ़री
सीखने का अमल हमेशा जारी रहना चाहिए
अली साहिल
गुनाह
अली मोहम्मद फ़र्शी
बारिश के घनघोर हवाले गिनता रहता हूँ
अली इमरान
हुजूम-ए-गिर्या
अली अकबर नातिक़
चरवाहे का जवाब
अली अकबर नातिक़
पानी में भी प्यास का इतना ज़हर मिला है
अली अकबर अब्बास
नज़्म तकमील
अलीना इतरत
ज़िंदा रहने की ये तरकीब निकाली मैं ने
अलीना इतरत
सारे मौसम बदल गए शायद
अलीना इतरत
ख़ुश्क आँखों से लहू फूट के रोना इक दिन
अलीम सबा नवेदी
वक़्त
अलीम दुर्रानी
बन कर लहू यक़ीन न आए तो देख लें
अलीम अफ़सर
सफ़र में राह के आशोब से न डर जाना
आलमताब तिश्ना
कोई इल्ज़ाम मेरे नाम मेरे सर नहीं आया
अकरम नक़्क़ाश
हब्स-ए-दरूँ पे जिस्म-ए-गिराँ-बार संग था
अकरम नक़्क़ाश
मंज़िल-ए-ख़्वाब है और महव-ए-सफ़र पानी है
अकरम महमूद
एक लड़का
अख़्तर-उल-ईमान
सारी ख़िल्क़त एक तरफ़ थी और दिवाना एक तरफ़
अख्तर शुमार
ऐ दुनिया तेरे रस्ते से हट जाएँगे
अख्तर शुमार
ओ देस से आने वाले बता
अख़्तर शीरानी
बरखा-रुत
अख़्तर शीरानी
ऐ इश्क़ कहीं ले चल
अख़्तर शीरानी
ऐ इश्क़ हमें बर्बाद न कर
अख़्तर शीरानी
आँसू
अख़्तर शीरानी
उस मह-जबीं से आज मुलाक़ात हो गई
अख़्तर शीरानी
सू-ए-कलकत्ता जो हम ब-दिल-ए-दीवाना चले
अख़्तर शीरानी
मिरी आँखों से ज़ाहिर ख़ूँ-फ़िशानी अब भी होती है
अख़्तर शीरानी
दिल में ख़याल-ए-नर्गिस-ए-जानाना आ गया
अख़्तर शीरानी
लफ़्ज़ लिखना है तो फिर काग़ज़ की निय्यत से न डर
अख़्तर शेख़