होश तिर्मिज़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का होश तिर्मिज़ी
नाम | होश तिर्मिज़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hosh Tirmizi |
कविताएं
Ghazal 10
Couplets 5
Love 7
Sad 12
Heart Broken 10
Hope 9
Friendship 2
Islamic 1
बारिश 1
ख्वाब 2
Sharab 2
तज़ईन-ए-बज़्म-ए-ग़म के लिए कोई शय तो हो
मिलने को है खमोशी-ए-अहल-ए-जुनूँ की दाद
दिल को ग़म रास है यूँ गुल को सबा हो जैसे
दश्त-ए-वफ़ा में जल के न रह जाएँ अपने दिल
अब तो दीवानों से यूँ बच के गुज़र जाती है
यादें चलें ख़याल चला अश्क-ए-तर चले
वो तक़ाज़ा-ए-जुनूँ अब के बहारों में न था
तज़ईन-ए-बज़्म-ए-ग़म के लिए कोई शय तो हो
पास-ए-नामूस-ए-तमन्ना हर इक आज़ार में था
मिलता नहीं मिज़ाज ख़ुद अपनी अदा में है
लाएगा रंग ज़ब्त-ए-फ़ुग़ाँ देखते रहो
कभी आहें कभी नाले कभी आँसू निकले
गो दाग़ हो गए हैं वो छाले पड़े हुए
दिल को ग़म रास है यूँ गुल को सबा हो जैसे
देखे हैं जो ग़म दिल से भुलाए नहीं जाते