हुमैरा रहमान कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हुमैरा रहमान

हुमैरा रहमान कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हुमैरा रहमान
नामहुमैरा रहमान
अंग्रेज़ी नामHumaira Rahman
जन्म की तारीख1957
जन्म स्थानU.S.A

वो लम्हा जब मिरे बच्चे ने माँ पुकारा मुझे

मिरी अलमारियों में क़ीमती सामान काफ़ी था

लोगो! हम परदेसी हो कर जाने क्या क्या खो बैठे

कंकर फेंक रहे हैं ये अंदाज़ा करने को

हम और तुम जो बदल गए तो इतनी हैरत क्या

हवा की तेज़-गामियों का इंकिशाफ़ क्या करें

गुज़शता मौसमों में बुझ गए हैं रंग फूलों के

अजब मज़ाक़ उस का था कि सर से पाँव तक मुझे

ज़रा सी बात पर नाराज़ होना रंजिशें करना

तबीअत इन दिनों औहाम की उन मंज़िलों पर है

क़यामतें गुज़र गईं रिवायतों की सोच में

लोग तो इक मंज़र हैं तख़्त-नशीनों की ख़ातिर

जैसे कोई ज़िद्दी बच्चा कब बहले बहलाने से

इन लफ़्ज़ों में ख़ुद को ढूँडूँगी मैं भी

हवा की तेज़-गामियों का इंकिशाफ़ क्या करें

फ़सील शहर की इतनी बुलंद ओ सख़्त हुई

दिल को दरून-ए-ख़्वाब का मौसम बोझल रखता है

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