इब्न-ए-इंशा कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इब्न-ए-इंशा (page 2)
नाम | इब्न-ए-इंशा |
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अंग्रेज़ी नाम | Ibn E Insha |
जन्म की तारीख | 1927 |
मौत की तिथि | 1978 |
जन्म स्थान | Karachi |
कविताएं
Ghazal 30
Nazam 26
Couplets 30
Love 52
Sad 51
Heart Broken 56
Bewafa 3
Hope 24
Friendship 9
Islamic 5
Social 1
देशभक्तिपूर्ण 3
बारिश 11
ख्वाब 9
Sharab 3
ये सराए है
ये कौन आया
ये बच्चा किस का बच्चा है
ये बातें झूटी बातें हैं
सब माया है
पिछले-पहर के सन्नाटे में
फिर शाम हुई
लोग पूछेंगे
लब पर नाम किसी का भी हो
क्या धोका देने आओगी
कुछ दे इसे रुख़्सत कर
कातिक का चाँद
कल हम ने सपना देखा है
झुलसी सी इक बस्ती में
इस बस्ती के इक कूचे में
घूम रहा है पीत का प्यासा
फ़र्ज़ करो
एक लड़का
एक बार कहो तुम मेरी हो
दिल-आशोब
दिल पीत की आग में जलता है
दिल इक कुटिया दश्त किनारे
दरवाज़ा खुला रखना
चाँद के तमन्नाई
ऐ मिरे सोच-नगर की रानी
ऐ मतवालो! नाक़ों वालो!!
उस शाम वो रुख़्सत का समाँ याद रहेगा
सुनते हैं फिर छुप छुप उन के घर में आते जाते हो
शाम-ए-ग़म की सहर नहीं होती
सब को दिल के दाग़ दिखाए एक तुझी को दिखा न सके