इज्तिबा रिज़वी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इज्तिबा रिज़वी

इज्तिबा रिज़वी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इज्तिबा रिज़वी
नामइज्तिबा रिज़वी
अंग्रेज़ी नामIjtiba Rizvi
जन्म की तारीख1908
मौत की तिथि1991

टीपू-सुल्तान

ज़बाँ से दिल का फ़साना अदा किया न गया

मिरे साज़-ए-नफ़स की ख़ामुशी पर रूह कहती है

ख़िरद को ख़ाना-ए-दिल का निगह-बाँ कर दिया हम ने

चुराने को चुरा लाया मैं जल्वे रू-ए-रौशन से

अफ़्सुर्दगी भी हुस्न है ताबिंदगी भी हुस्न

पहनाई

ज़ुहूर-ए-पैकरी सहरा में है सिर्फ़ इक निशाँ मेरा

ख़िरद को ख़ाना-ए-दिल का निगह-बाँ कर दिया हम ने

इक अख़्गर-ए-जमाल फ़रोज़ाँ ब-शक्ल-ए-दिल

दिल है और ख़ुद नगरी ज़ौक़-ए-दुआ जिस को कहें

चुराने को चुरा लाया मैं जल्वे रू-ए-रौशन से

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