इम्दाद इमाम असर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इम्दाद इमाम असर
नाम | इम्दाद इमाम असर |
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अंग्रेज़ी नाम | Imdad Imam Asar |
जन्म की तारीख | 1849 |
मौत की तिथि | 1933 |
जन्म स्थान | Patna |
उल्टी क्यूँ पड़ती है तदबीर ये हम क्या जानें
तुम्हारे आशिक़ों में बे-क़रारी क्या ही फैली है
तेरी जानिब से मुझ पे क्या न हुआ
तड़प तड़प के तमन्ना में करवटें बदलीं
साथ दुनिया का नहीं तालिब-ए-दुनिया देते
पा रहा है दिल मुसीबत के मज़े
मुश्किल का सामना हो तो हिम्मत न हारिए
मुफ़्त बोसा हसीं नहीं देते
मर ही कर उट्ठेंगे तेरे दर से हम
लोग जब तेरा नाम लेते हैं
कुछ समझ कर उस मह-ए-ख़ूबी से की थी दोस्ती
ख़ुदा जाने 'असर' को क्या हुआ है
ख़ूब-ओ-ज़िश्त-ए-जहाँ का फ़र्क़ न पूछ
करता है ऐ 'असर' दिल-ए-ख़ूँ-गश्ता का गिला
कैसा आना कैसा जाना मेरे घर क्या आओगे
जब नहीं कुछ ए'तिबार-ए-ज़िंदगी
जान कर 'मीर' का कलाम 'असर'
इबादत ख़ुदा की ब-उम्मीद-ए-हूर
हसीनों की जफ़ाएँ भी तलव्वुन से नहीं ख़ाली
गुलशन में कौन बुलबुल-ए-नालाँ को दे पनाह
दोस्ती की तुम ने दुश्मन से अजब तुम दोस्त हो
दिल से क्या पूछता है ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर से पूछ
दिल न देते उसे तो क्या करते
दिल की हालत से ख़बर देती है
बनाते हैं हज़ारों ज़ख़्म-ए-ख़ंदाँ ख़ंजर-ए-ग़म से
अब जहाँ पर है शैख़ की मस्जिद
आइना देख के फ़रमाते हैं
ज़बान-ए-हाल से हम शिकवा-ए-बेदाद करते हैं
यूँही उलझी रहने दो क्यूँ आफ़त सर पर लाते हो
ठिकाना है कहीं जाएँ कहाँ नाचार बैठे हैं