इमरान साग़र कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इमरान साग़र
नाम | इमरान साग़र |
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अंग्रेज़ी नाम | Imran Saghar |
वो शाम ढले तेरा मिलना वो तेरा हँसाना याद नहीं
तुम्हारा हुस्न है यकता चलो मैं मान लेता हूँ
तुझ को खो देने का एहसास हुआ तेरे बा'द
परेशाँ हूँ तिरा चेहरा भुलाया भी नहीं जाता
मैं अपनी हैसियत से कुछ ज़ियादा ले के आया हूँ
मैं अपने हाल-ए-ज़ार का आईना-दार हूँ
कब कहा मैं ने मुझे सारा ज़माना चाहिए