दहकी है आग दिल में पड़े इश्तियाक़ की
तेरे सिवाए किस से हो इस का इलाज आज
Gulzar
Parveen Shakir
Javed Akhtar
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Wasi Shah
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Habib Jalib
Rahat Indori
Jaun Eliya
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(893) Peoples Rate This
लो फ़क़ीरों की दुआ हर तरह आबाद रहो
तोडूँगा ख़ुम-ए-बादा-ए-अंगूर की गर्दन
तुम्हारे हाथों की उँगलियों की ये देखो पोरें ग़ुलाम तीसों
लैला ओ मजनूँ की लाखों गरचे तस्वीरें खिंचीं
जो हाथ अपने सब्ज़े का घोड़ा लगा
साहब के हर्ज़ा-पन से हर एक को गिला है
मियाँ चश्म-ए-जादू पे इतना घमंड
मुझे क्यूँ न आवे साक़ी नज़र आफ़्ताब उल्टा
देखना जब मुझे कर शान ये गाली देना
जिस ने यारो मुझ से दावा शेर के फ़न का किया
ये अजीब माजरा है कि ब-रोज़-ए-ईद-ए-क़ुर्बां
भले आदमी कहीं बाज़ आ अरे उस परी के सुहाग से