Ghazals of Iqbal Mahir
नाम | इक़बाल माहिर |
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अंग्रेज़ी नाम | Iqbal Mahir |
जन्म की तारीख | 1919 |
ज़ीस्त तकरार-ए-नफ़स हो जैसे
शहपारा-ए-अदब हो अगर वारदात-ए-दिल
राह दोनों की वही है सामना हो जाएगा
रात तारीक रास्ते ख़ामोश
नज़र नज़र में तमन्ना क़दम क़दम पे गुरेज़
जुनूँ में हम रह-ए-ख़ौफ़-ओ-ख़तर से गुज़रे हैं
हस्ब-ए-मामूल आए हैं शाख़ों में फूल अब के बरस
गुल की ख़ुश्बू की तरह आँख के आँसू की तरह
बगूलों की सफ़ें किरनों के लश्कर सामने आए
अज्नबिय्यत का हर इक रुख़ पे निशाँ है यारो
अहल-ए-फ़न अहल-ए-अदब अहल-ए-क़लम कहते रहे