Sad Poetry of Iqbal Mahir
नाम | इक़बाल माहिर |
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अंग्रेज़ी नाम | Iqbal Mahir |
जन्म की तारीख | 1919 |
ज़ीस्त तकरार-ए-नफ़स हो जैसे
शहपारा-ए-अदब हो अगर वारदात-ए-दिल
राह दोनों की वही है सामना हो जाएगा
रात तारीक रास्ते ख़ामोश
जुनूँ में हम रह-ए-ख़ौफ़-ओ-ख़तर से गुज़रे हैं
हस्ब-ए-मामूल आए हैं शाख़ों में फूल अब के बरस
बगूलों की सफ़ें किरनों के लश्कर सामने आए
अज्नबिय्यत का हर इक रुख़ पे निशाँ है यारो
अहल-ए-फ़न अहल-ए-अदब अहल-ए-क़लम कहते रहे