इक़बाल नवेद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इक़बाल नवेद
नाम | इक़बाल नवेद |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Iqbal Naved |
रात भर कोई न दरवाज़ा खुला
फेंक दे बाहर की जानिब अपने अंदर की घुटन
मिरी ख़्वाहिश है दुनिया को भी अपने साथ ले आऊँ
ख़्वाहिशों के पेड़ से गिरते हुए पत्ते न चुन
ख़ुदा जाने गिरेबाँ किस के हैं और हाथ किस के हैं
अब इतनी ज़ोर से हर घर पे दस्तकें देना
ज़मीं मदार से अपने अगर निकल जाए
ये ज़मीं हम को मिली बहते हुए पानी के साथ
रात भर कोई न दरवाज़ा खुला
दोस्तों के हू-ब-हू पैकर का अंदाज़ा लगा
अगरचे पार काग़ज़ की कभी कश्ती नहीं जाती