रिसता दर्द

एक तरफ़ बरसों पुराना ख़ून का क़र्ज़ है

वहीं दूसरी और एक मज़लूम औरत

का रस्ता दर्द है

वो औरत

मेरी माँ हो सकती है या पड़ोसन

या कोई दूर वतन की अजनबी

पर ख़ून के रिश्ते से बड़ा

ये दर्द है मेरे लिए

क्यूँ कि

हर पल कुछ रिसता है उस रिश्ते के लिए

सारी ज़िंदगी कारपेट बनी रही ये औरत

आज भी ज़िमादारियोंं के बोझ से

ज़ियादा कुछ नहीं तुम्हारे लिए

पर भूल रहे हो तुम भी

इसी कारपेट पर धर दिए जाओगे

किसी दिन उपेछित पोटली की तरह

तब के लिए रिसता रहेगा ये दर्द

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Rista Dard In Hindi By Famous Poet Mamta Tiwari. Rista Dard is written by Mamta Tiwari. Complete Poem Rista Dard in Hindi by Mamta Tiwari. Download free Rista Dard Poem for Youth in PDF. Rista Dard is a Poem on Inspiration for young students. Share Rista Dard with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.