मिर्ज़ा अतहर ज़िया कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मिर्ज़ा अतहर ज़िया

मिर्ज़ा अतहर ज़िया कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मिर्ज़ा अतहर ज़िया
नाममिर्ज़ा अतहर ज़िया
अंग्रेज़ी नामMirza Athar Zia
जन्म की तारीख1981
जन्म स्थानazamgarh

तू ने ऐ वक़्त पलट कर भी कभी देखा है

तेरी दहलीज़ पे इक़रार की उम्मीद लिए

तमाम शहर में बिखरा पड़ा है मेरा वजूद

न इंतिज़ार करो कल का आज दर्ज करो

मुझ में थोड़ी सी जगह भी नहीं नफ़रत के लिए

मेरी आँखों से भी इक बार निकल

मैं ने कैसे कैसे मोती ढूँडे हैं

मैं ही आईना-ए-दुनिया में चला आया हूँ

मैं अधूरा सा हूँ उस के अंदर

क्या पता जाने कहाँ आग लगी

ख़ुद अपने क़त्ल का इल्ज़ाम ढो रहा हूँ अभी

जश्न होता है वहाँ रात ढले

हरीम-ए-दिल में ठहर या सरा-ए-जान में रुक

एक दरिया को दिखाई थी कभी प्यास अपनी

देखते रहते हैं ख़ुद अपना तमाशा दिन रात

ये कैसी आग मुझ में जल रही है

Mirza Athar Zia Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Mirza Athar Zia including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Mirza Athar Zia. Free Download all kind of Mirza Athar Zia Poetry in PDF. Best of Mirza Athar Zia Poetry in Hindi. Mirza Athar Zia Ghazals and Inspirational Nazams for Students.