मोहम्मद अली साहिल कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मोहम्मद अली साहिल

मोहम्मद अली साहिल कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मोहम्मद अली साहिल
नाममोहम्मद अली साहिल
अंग्रेज़ी नामMohammad Ali Sahil
जन्म की तारीख1964
जन्म स्थानAmbala, Haryana

वो यक़ीनन वली सिफ़त होगा

सब के होंटों पे वारदात के बअ'द

मेरी नींदें हराम क्या होंगी

मेरी आँखों में हुए रौशन जो अश्कों के चराग़

मसअले तो ज़िंदगी में रोज़ आते हैं मगर

मरते दम तक सब मुझ को इंसान कहें

कोई करता है जब हिन्दोस्तान की बात ए 'साहिल'

जो असासा ज़िंदगी का उस ने जोड़ा उम्र भर

हम हैं तहज़ीब के अलम-बरदार

दूर रहती हैं सदा उन से बलाएँ साहिल

तू अगर बा-उसूल हो जाए

तिरी सूरत मुझे बताती है

राह-ए-हक़ में तुझे हस्ती को मिटाना होगा

मज़ाक़-ए-ग़म उड़ाना अब मुझे अच्छा नहीं लगता

जुस्तुजू तेरी तरह ग़म तिरी क़ुर्बत क्या है

जतन करता तो हूँ लेकिन ये बीमारी नहीं जाती

होश खो कर जोश में कुछ इस तरह मैं बह गया

ग़ुर्बत का अब मज़ाक़ उड़ाने लगे हैं लोग

बुज़-दिली तो वो कर नहीं सकता

ऐसा नहीं सलाम किया और गुज़र गए

अब हक़ीक़त लग रहा है मेरा अफ़्साना मुझे

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