मोहम्मद यूसुफ़ पापा कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मोहम्मद यूसुफ़ पापा

मोहम्मद यूसुफ़ पापा कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मोहम्मद यूसुफ़ पापा
नाममोहम्मद यूसुफ़ पापा
अंग्रेज़ी नामMohammad Yusuf Papa
जन्म की तारीख1930
जन्म स्थानDelhi

ज़ुल्फ़ के पेच में लटके हुए शाएर का वजूद

यहाँ जितने हैं अपने बाप के हैं

मार लाता है जूतियाँ दो चार

कहा इठला के उस ने आइए ना

झूट है दिल न जाँ से उठता है

जल गया कौन मेरे हँसने पर

जब हुआ काले का गोरे से मिलाप

जब भी वालिद की जफ़ा याद आई

इश्क़ औलाद कर रही है मगर

दूसरी ने जो सँभाली चप्पल

दुश्मनों की दुश्मनी मेरे लिए आसान थी

दबाना शर्त है बजते हैं सारे

अपने दम से है ज़माने में घोटालों का वजूद

शौहर ने आज...

रौशन ख़याली

नक़ली आँख

न दी अंग्रेज़ ने 'ग़ालिब' को पेंशन

लंगोटी छीन ली

हम को देखे जो आँख वाला हो

छछूंदर

बुक़रात बहुत खाता था

अलामत के पस-मंज़र में

अफ़सर और घोड़ा

अभी भूक से एक चूहा मरा है

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