झूट है दिल न जाँ से उठता है
ये धुआँ दरमियाँ से उठता है
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
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Javed Akhtar
Rahat Indori
Parveen Shakir
Habib Jalib
Gulzar
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Wasi Shah
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हम को देखे जो आँख वाला हो
जल गया कौन मेरे हँसने पर
ज़ुल्फ़ के पेच में लटके हुए शाएर का वजूद
बुक़रात बहुत खाता था
छछूंदर
न दी अंग्रेज़ ने 'ग़ालिब' को पेंशन
यहाँ जितने हैं अपने बाप के हैं
कहा इठला के उस ने आइए ना
शौहर ने आज...
अभी भूक से एक चूहा मरा है
इश्क़ औलाद कर रही है मगर