मोहम्मद यूसुफ़ रासिख़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मोहम्मद यूसुफ़ रासिख़
नाम | मोहम्मद यूसुफ़ रासिख़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Mohammad Yusuf Rasikh |
तारे खिले हुए हैं शब-ए-माहताब है
रंज पर रंज मुसीबत सी मुसीबत देखी
न मुरव्वत है न उल्फ़त न वफ़ा मेरे बा'द
न आती थी कहीं दिल में नज़र आग
हुस्न अच्छा है मोहम्मद का कमाल अच्छा है
हश्र में और ही आसार नज़र आते हैं
घड़ी भर रंग निखरा सूरत-ए-गुल-हा-ए-तर मेरा
दुनिया में कोई रंज से बढ़ कर ख़ुशी नहीं
दिल-ए-शैदा की हक़ीक़त मिरे मौला क्या है
दिल-ए-नालाँ तिरी आहों में असर है कि नहीं
दिल में जो तसव्वुर है तिरी ज़ुल्फ़-ए-रसा का
आ गया ज़ुल्फ़ के दम में दिल-ए-नादाँ अपना