मुबश्शिर सईद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुबश्शिर सईद

मुबश्शिर सईद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुबश्शिर सईद
नाममुबश्शिर सईद
अंग्रेज़ी नामMubashshir Saeed

सज्दा-ए-याद में सर अपना झुकाया हुआ है

पहले वो अचानक नज़र आया उसे देखा

मैं तो बैठा था हर इक शय से किनारा कर के

ख़्वाब-ज़दा वीरानों तक

ख़्वाब सुनने से गए इश्क़ बताने से गए

कब मिरी हल्क़ा-ए-वहशत से रिहाई हुई है

इश्क़ करता कि तिरे हिज्र से नफ़रत करता

इंकार की लज़्ज़त से न इक़रार-ए-जुनूँ से

हालत-ए-हाल मैं क्या रो के सुनाऊँ तुझ को

गिर्या-ज़ारी भी करूँ शोर मचाऊँ मैं भी

आलम-ए-वज्द से इक़रार में आता हुआ मैं

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