वो पहला शख़्स
जिस ने
सोच के ठहरे हुए पानी में
पहली कंकरी फेंकी
वो पहला फ़लसफ़ी
दरीचे ज़ेहन के खोले
वो शाइ'र
जिस ने पहले शे'र की तख़्लीक़
की होगी
वो सब के सब अगर
इस दौर में
फिर जन्म ले लें
तो उन को इर्तिकाब-ए-जुर्म का एहसास
फिर से मार डालेगा
Wasi Shah
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Gulzar
Allama Iqbal
Ahmad Faraz
Anwar Masood
Jaun Eliya
Mir Taqi Mir
Rahat Indori
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इंतिज़ार के बा'द
लीडर
न मेरा नाम मेरा है
क़लम
आईने के सामने
मिट्टी मौसम और रंग
शाइ'र
तरदीद
मुझ से पूछो
मैं
लहु में उतरता हुआ मौसम
एहसास-ए-जुर्म