नदीम गुल्लानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नदीम गुल्लानी

नदीम गुल्लानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नदीम गुल्लानी
नामनदीम गुल्लानी
अंग्रेज़ी नामNadeem Gullani
जन्म की तारीख1982

उम्र भर रहना है ताबीर से गर दूर तुम्हें

तुम्हें हमारी मोहब्बतों के हसीन जज़्बे बुला रहे हैं

तुझ से मैं जंग का एलान भी कर ही दूँगा

तू समझता है गर फ़ुज़ूल मुझे

तमाम उम्र तिरे इंतिज़ार में हमदम

नहीं है जिस का हल अब तो कोई 'नदीम' बस इक सिवा तुम्हारे

दुनिया बदल गई थी कोई ग़म न था मुझे

तुझे तहरीर किया

सरहद

मोहब्बत

कई साल ब'अद

दिसम्बर

वस्ल ने जब मिरी तख़्लीक़ को ज़ंजीर क्या

तुम्हें हमारी मोहब्बतों के हसीन जज़्बे बुला रहे हैं

तुम्हारी महफ़िल से जा रहा हूँ मुझे दुआओं में याद रखना

तू समझता है गर फ़ुज़ूल मुझे

तिरी क़ुर्बतें हैं सकूँ जान-ए-जानाँ

साहिल पे तेरे ब'अद की वीरानी खा गई

फ़ुज़ूल वक़्त समझ के गुज़ार कर मुझ को

अपनी उलझन को बढ़ाने की ज़रूरत क्या है

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