नईम जर्रार अहमद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नईम जर्रार अहमद (page 2)
नाम | नईम जर्रार अहमद |
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अंग्रेज़ी नाम | Naeem Zarrar Ahmad |
जन्म की तारीख | 1965 |
जन्म स्थान | Lahore |
किसी महल में न शाहों की आन-बान में है
जो उस आँख से निकला होगा
जफ़ा-ए-अहद का इल्ज़ाम उलट भी सकता हूँ
हो गए हम शिकार फूलों के
हर सच बात में हम दोनों हैं
गिन रहे हैं दिल-ए-नाकाम के दिन
ग़ैर के घर सही वो आया तो
घड़ी जीता घड़ी मरता रहा हूँ
फ़ैसला हो गया है रात गए
चश्म-ओ-दिल साहब-ए-गुफ़्तार हुए जाते हैं
बिखरा है कई बार समेटा है कई बार