उस का चेहरा
उस की आँखें
उस के होंटों की जुम्बिश
जैसे चाँद
जैसे झील
जैसे बारिश की आवाज़
Faiz Ahmad Faiz
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
Parveen Shakir
Jaun Eliya
Gulzar
Javed Akhtar
Wasi Shah
Habib Jalib
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Allama Iqbal
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(390) Peoples Rate This
ख़्वाहिश
ये जानता है पलट कर उसे नहीं आना
सामने अपने तू बुला के तो देख
मोहब्बत में ख़ुदा भी मुब्तला है
क़ुसूर
हुस्न मंज़र में नहीं है
हो गए हम शिकार फूलों के
मान टूटे तो फिर नहीं जुड़ता
इश्क़ तू भी ज़रा टिका ले कमर
लोग लड़ते रहे नाम आए तलब-गारों में
मंज़िल है तो इक रस्ता-ए-दुश्वार में गुम है
सितारे