नवाब अहसन कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नवाब अहसन
नाम | नवाब अहसन |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Nawab Ahsan |
उस ने तो छीना था मेरे जिस्म से मेरा लिबास
शब-ए-फ़िराक़ की तन्हाइयों में तेरा ख़याल
ख़ौफ़-ओ-दहशत से लब नहीं खुलते
जब भी लौटा गाँव के बाज़ार से
एहसास-ए-तीरगी था उसे रौशनी के बा'द
बिखरे हुए ख़्वाबों की वो तस्वीर है शायद
वो लम्हे भूले नहीं रस्म-ओ-राह के अब तक
ख़मोश इस लिए हम हैं कि बात घर की है
जिसे हम ने कभी देखा नहीं है
दौलत शोहरत क़त्ल तबाही क्या क्या हैं पहचान न पूछ
अब सफ़र रात में ही करते हैं