प्रीतपाल सिंह बेताब कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का प्रीतपाल सिंह बेताब
नाम | प्रीतपाल सिंह बेताब |
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अंग्रेज़ी नाम | Pritpal Singh Betab |
जन्म की तारीख | 1949 |
जन्म स्थान | Jammu |
मेरी तन्हाई की पगडंडी पर
ज़ाब्तों की और क़द्रों की रवानी देखना
ये ज़मीं हूँ वो आसमाँ भी हूँ
सूरज है नया चाँद नया तारे नए हैं
सूखे पत्ते उड़ा रहा होगा
सहरा बसे हुए थे हमारी निगाह में
फिर लौट के धरती पे भी आने नहीं देता
फिर लौट के धरती पे भी आने नहीं देता
नित-नए रंग में निकलता हूँ
मुझ को मालूम था मैं और सँवर जाऊँगा
मक़ाम और भी आएँगे ला-मकान के बाद
मंज़र-ए-सर्व-ओ-समन याद आया
कुछ तो हैं पैकर परेशाँ आज़रों के दरमियाँ
काला जादू फैल रहा है
जिन से मक़्सूद हैं मंज़िल के निशानात मुझे
इक फ़क़त साहिल तलक आता हूँ मैं
ध्यान दस्तक पे लगा रहता है
चार-सू फैला हुआ कार-ए-जहाँ रहने दिया
आज महसूर हैं दीमक-ज़दा दीवारों में
आईने में घूरने वाला है कौन