क़ैसर निज़ामी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का क़ैसर निज़ामी

क़ैसर निज़ामी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का क़ैसर निज़ामी
नामक़ैसर निज़ामी
अंग्रेज़ी नामQaisar Nizami

तू सरापा नूर है मैं तेरा अक्स-ए-ख़ास हूँ

तिरे बग़ैर तेरे इंतिज़ार से थक कर

तमाम उम्र रहे मेरा मुंतज़िर तू भी

ख़िज़ाँ की ज़द में ही अब तक तिरा गुलिस्ताँ था

अब तो रुस्वाइयाँ यक़ीनी हैं

तुझे भी चैन न आए क़रार को तरसे

तिरी नज़र के इशारों को नींद आई है

तिरी नज़र के इशारों को दिल-कशी बख़्शी

निज़ाम-ए-गुलशन-ए-हस्ती बदल के दम लेंगे

नज़र-नवाज़ नज़ारों से बात करता हूँ

मुन्हरिफ़ मुझ से इक ज़माना है

मोहब्बत की सहबा पिलाने चला हूँ

मोहब्बत बाइस-ए-दीवानगी है और बस मैं हूँ

कह रही है सारी दुनिया तेरा दीवाना मुझे

आतिश-ए-सोज़-ए-मोहब्बत को बुझा सकता हूँ मैं

आलम-ए-इम्काँ में दुनिया की हवा थी मैं न था

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