Ghazals of Qamar Iqbal

Ghazals of Qamar Iqbal
नामक़मर इक़बाल
अंग्रेज़ी नामQamar Iqbal
जन्म की तारीख1944
मौत की तिथि1988
जन्म स्थानAurangabad

यूँ क़ैद हम हुए कि हवा को तरस गए

सब पिघल जाए तमाशा वो इधर कब होगा

ख़ुद की ख़ातिर न ज़माने के लिए ज़िंदा हूँ

कहीं ये दर्द का धागा भी यूँ सुलझता है

जो पड़ गई थी गिरह दिल में खोलते हम भी

जीना है सब के साथ कि इंसान मैं भी हूँ

हर ख़ुशी मक़बरों पे लिख दी है

हँसती हुई तन्हा वो दरीचे में खड़ी है

एक दीवार अगर हो तो यहाँ सर मारें

दूरियाँ सारी सिमट कर रह गईं ऐसा लगा

बिछड़ गया है कहाँ कौन कुछ पता ही नहीं

क़मर इक़बाल Ghazal in Hindi - Read famous क़मर इक़बाल Shayari, Ghazal, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet क़मर इक़बाल. Free Download Best Ghazal, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet क़मर इक़बाल. क़मर इक़बाल Ghazals and Inspirational Nazams for Students.