रघुनंदन शर्मा कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रघुनंदन शर्मा
नाम | रघुनंदन शर्मा |
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अंग्रेज़ी नाम | Raghunandan Sharma |
ये शीशे दिल के जो बिखरे हुए हैं
कुछ न कुछ ख़्वाब पालते रहिए
कैसे पाऊँ तुझे गिर्दाब नज़र आता है
गुलाबी होंठ ये क़श्क़ा तुम्हारा
दर्द-ए-दिल उम्र-भर नहीं होता