दिल कई रोज़ से धड़कता है
है किसी हादसे की तय्यारी
Wasi Shah
Mir Taqi Mir
Gulzar
Habib Jalib
Javed Akhtar
Allama Iqbal
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Anwar Masood
Faiz Ahmad Faiz
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(622) Peoples Rate This
हिज्र से वस्ल इस क़दर भारी
सियाह है दिल-ए-गीती सियाह-तर हो जाए
राज़-ए-गिरफ़्तगी न असीर-ए-लहन से पूछ
जो अपने क़ौल को क़ानून समझें
'रईस' अश्कों से दामन को भिगो लेते तो अच्छा था
सिर्फ़ तारीख़ की रफ़्तार बदल जाएगी
हम लोग हैं वाक़ई अजूबा
दुनिया को क्या ख़बर? मिरी दुनिया फिर आ गई
पहले भी ख़राब थी ये दुनिया
उर्दू का जनाज़ा है ज़रा धूम से निकले
मैं जो तन्हा रह-ए-तलब में चला
पहले ये शुक्र कि हम हद्द-ए-अदब से न बढ़े