राजेन्द्र मनचंदा बानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का राजेन्द्र मनचंदा बानी (page 4)

राजेन्द्र मनचंदा बानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का राजेन्द्र मनचंदा बानी (page 4)
नामराजेन्द्र मनचंदा बानी
अंग्रेज़ी नामRajinder Manchanda, Bani
जन्म की तारीख1932
मौत की तिथि1981
जन्म स्थानDelhi

इक ढेर राख में से शरर चुन रहा हूँ मैं

दोस्तो क्या है तकल्लुफ़ मुझे सर देने में

दिन को दफ़्तर में अकेला शब भरे घर में अकेला

दिलों में ख़ाक सी उड़ती है क्या न जाने क्या

दिल में ख़ुशबू सी उतर जाती है सीने में नूर सा ढल जाता है

देखता था मैं पलट कर हर आन

दमक रहा था बहुत यूँ तो पैरहन उस का

छुपी है तुझ में कोई शय उसे न ग़ारत कर

चाँद की अव्वल किरन मंज़र-ब-मंज़र आएगी

चमकती आँख में सहरा दिखाई साफ़ देता है

चली डगर पर कभी न चलने वाला मैं

बजाए हम-सफ़री इतना राब्ता है बहुत

बहुत कुछ मुंतज़िर इक बात का था

अली-बिन-मुत्तक़ी रोया

अक्स कोई किसी मंज़र में न था

अजीब तजरबा था भीड़ से गुज़रने का

ऐ लम्हो मैं क्यूँ लम्हा-ए-लर्ज़ां हूँ बताओ

आसमाँ का सर्द सन्नाटा पिघलता जाएगा

आज तो रोने को जी हो जैसे

आज इक लहर भी पानी में न थी

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