रंजूर अज़ीमाबादी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रंजूर अज़ीमाबादी

रंजूर अज़ीमाबादी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रंजूर अज़ीमाबादी
नामरंजूर अज़ीमाबादी
अंग्रेज़ी नामRanjoor Azimabadi
जन्म की तारीख1863
मौत की तिथि1923

मुझ को काफ़ी है बस इक तेरा मुआफ़िक़ होना

होता है साफ़ रू-ए-किताबी से ये अयाँ

दिखा कर ज़हर की शीशी कहा 'रंजूर' से उस ने

देता है मुझ को चर्ख़-ए-कुहन बार बार दाग़

बुतों में किस बला की है कशिश अल्लाह ही जाने

अगर चिलमन के बाहर वो बुत-ए-काफ़िर-अदा निकले

यक़ीनन है कोई माह-ए-मुनव्वर पीछे चिलमन के

सौदा-ए-सज्दा शाम-ओ-सहर मेरे सर में है

रोता हमें जो देखा दिल उस का पिघल गया

मैं और हम-आग़ोश हूँ उस रश्क-ए-परी से

जनाज़ा धूम से उस आशिक़-ए-जाँ-बाज़ का निकले

देता है मुझ को चर्ख़-ए-कुहन बार बार दाग़

Ranjoor Azimabadi Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Ranjoor Azimabadi including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Ranjoor Azimabadi. Free Download all kind of Ranjoor Azimabadi Poetry in PDF. Best of Ranjoor Azimabadi Poetry in Hindi. Ranjoor Azimabadi Ghazals and Inspirational Nazams for Students.