दिल जिस से काँपता है वो साअत भी आएगी

दिल जिस से काँपता है वो साअत भी आएगी

वो आएगा तो कोई मुसीबत भी आएगी

मैं आज तेरी राह का पत्थर सही मगर

कल तुझ को पेश मेरी ज़रूरत भी आएगी

झेले हैं अपनी जान पे हम ने वो हादसे

दिल मानता नहीं कि क़यामत भी आएगी

उस की कशीदगी का सबब कुछ भी हो मगर

मुझ को गुमाँ न था कि ये नौबत भी आएगी

ऐ रह-नवर्द साया-ए-अश्जार ही नहीं

कुछ तेरे काम धूप की हिद्दत भी आएगी

क्या फ़ाएदा जो अपनी सफ़ाई में कुछ कहूँ

मैं जानता था मुझ पे ये तोहमत भी आएगी

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In Hindi By Famous Poet Rashid Mufti. is written by Rashid Mufti. Complete Poem in Hindi by Rashid Mufti. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.