क्या करेगा जा के बैतुल्लाह तू

क्या करेगा जा के बैतुल्लाह तू

दिल ही से कर अपनी पैदा राह तू

डूब जा बहर-ए-अमीक़-ए-इ'श्क़ में

यूँ न हरगिज़ ले सकेगा थाह तू

घर से निकलेगा वो अपनी रात को

मत निकलिए देखियो ऐ माह तू

का'बा ढह जावे तो बन सकता है फिर

देखिए दिल है इसे मत ढाह तू

हाल-ए-दिल थोड़ा सा सुन कर बोल उठा

बस अब इस क़िस्से को कर कोताह तू

यार के दिल तक असर के साथ जा

आसमाँ तक जा न जा ऐ माह तू

वाजिबुत्ता'ज़ीर है 'रासिख़' प हैफ़

क़द्र से उस की नहीं आगाह तू

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In Hindi By Famous Poet Rasikh Azimabadi. is written by Rasikh Azimabadi. Complete Poem in Hindi by Rasikh Azimabadi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.