रऊफ़ ख़ैर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रऊफ़ ख़ैर

रऊफ़ ख़ैर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रऊफ़ ख़ैर
नामरऊफ़ ख़ैर
अंग्रेज़ी नामRauf Khair
जन्म की तारीख1948
जन्म स्थानHyderabad

खिलौने की तड़प में ख़ुद खिलौना वो न बन जाए

ज़िंदगी एहसान ही से मावरा थी मैं न था

ज़बाँ पे हर्फ़ तो इंकार में नहीं आता

वो ख़ुश-सुख़न तो किसी पैरवी से ख़ुश न हुआ

ता-ब-कै मंज़िल-ब-मंज़िल हम मुसाफ़िर भागते

शर्तों पे अपनी खेलने वाले तो हैं वही

रस्ते में तो ख़तरात की सुन-गुन भी बहुत है

पत्ते तमाम हल्क़ा-ए-सरसर में रह गए

ना-ख़ुश गदाई से न वो शाही से ख़ुश हुए

लुभा रही तो है दुनिया चमक दमक की मुझे

कोई भी ज़ोर ख़रीदार पर नहीं चलता

जुनूँ-पसंद हरीफ़-ए-ख़िरद तो हम भी हैं

हम अगर रद्द-ए-अमल अपना दिखाने लग जाएँ

गिरफ़्तारी के सब हरबे शिकारी ले के निकला है

दिल दुख न जाए बात कोई बे-सबब न पूछ

धरती से दूर हैं न क़रीब आसमाँ से हम

बिकती नहीं फ़क़ीर की झोली ही क्यूँ न हो

अगर अनार में वो रौशनी नहीं भरता

अब इस से पहले कि तन मन लहू लहू हो जाए

आँखों प अभी तोहमत-ए-बीनाई कहाँ है

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