रज़ी रज़ीउद्दीन कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रज़ी रज़ीउद्दीन

रज़ी रज़ीउद्दीन कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रज़ी रज़ीउद्दीन
नामरज़ी रज़ीउद्दीन
अंग्रेज़ी नामRazi Raziuddin
जन्म की तारीख1953
जन्म स्थानUSA

ये ज़ुल्फ़-ए-यार भी क्या बिजलियों का झुरमुट है

तमाम रात तिरा इंतिज़ार होता रहा

जगह बची ही नहीं दिल पे चोट खाने की

शब का सफ़र

ख़्वाब-फ़रोश

जोगी

बुढ़ापा

शब-ए-दराज़ तुझे कुछ ख़बर गई कि नहीं

शब ज़रा देर से गुज़रेगी न घबरा ऐ दिल

क़ल्ब-ओ-जिगर के दाग़ फ़रोज़ाँ किए हुए

कोह-ए-ग़म इतना गराँ इतना गराँ है अब के

काश पड़ते न इन अज़ाबों में

दर्द-ओ-ग़म सब सुनाने बैठे हैं

दहका पड़ा है जामा-ए-गुल यार ख़ैर हो

चुपके से मुझ को आज कोई ये बता गया

और कितने अभी सितम होंगे

अपने मेहवर से जब उतर जाऊँ

अब भी उसी तरह से इसे इंतिज़ार है

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