सबा अफ़ग़ानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सबा अफ़ग़ानी

सबा अफ़ग़ानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सबा अफ़ग़ानी
नामसबा अफ़ग़ानी
अंग्रेज़ी नामSaba Afghani
जन्म की तारीख1922
मौत की तिथि1986

करना ही पड़ेगा ज़ब्त-ए-अलम पीने ही पड़ेंगे ये आँसू

जो आ के रुके दामन पे 'सबा' वो अश्क नहीं है पानी है

गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं काँटों से भी ज़ीनत होती है

सामने उन को पाया तो हम खो गए आज फिर हसरत-ए-गुफ़्तुगू रह गई

लुटा के राह-ए-मोहब्बत में हर ख़ुशी मैं ने

कारवाँ लुट गया राहबर छुट गया रात तारीक है ग़म का यारा नहीं

होश-ओ-ख़िरद से दूर हूँ सूद-ओ-ज़ियाँ से दूर

गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं काँटों से भी ज़ीनत होती है

भूल जाना था तो फिर अपना बनाया क्यूँ था

Saba Afghani Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Saba Afghani including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Saba Afghani. Free Download all kind of Saba Afghani Poetry in PDF. Best of Saba Afghani Poetry in Hindi. Saba Afghani Ghazals and Inspirational Nazams for Students.