मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
दीवारों से सर टकराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा
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वो अंजुमन में रात अजब शान से गए
रुस्वाई तो वैसे भी तक़दीर है आशिक़ की
आँख से आँख मिला बात बनाता क्यूँ है
ख़ंजर से करो बात न तलवार से पूछो
गाहे गाहे इसे पढ़ा कीजिए
इतना तो हुआ ऐ दिल इक शख़्स के जाने से
कोई पास आया सवेरे सवेरे
मैं न पीता तो तिरा लिख्खा ग़लत हो जाता
नहीं है ये तिरा कूचा नहीं है
तुम नहीं ग़म नहीं शराब नहीं