सहर महमूद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सहर महमूद

सहर महमूद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सहर महमूद
नामसहर महमूद
अंग्रेज़ी नामSahar Mahmood
जन्म की तारीख1989
जन्म स्थानkapilvastu Nepal

तुम्हारे ग़म को ग़म-ए-जाँ बना लिया मैं ने

मुँह से जो कुछ बोलो भय्या

कहना हो जो भी साफ़ कहो बे-झिजक कहो

जो हैं हवस के पुजारी वो माल-ओ-ज़र के लिए

हम क़त्ल कब हुए ये पता ही नहीं चला

हम दिल की निगाहों से जहाँ देख रहे हैं

हर घड़ी मुझ को बे-क़रार न कर

है ये सूरत ग़म के बस इज़हार की

है बाइस-ए-सुकून सुख़न-वर तुम्हारा नाम

देखी है मैं ने ये भी नैरंगी-ए-ज़माना

दास्ताँ क्या थी और क्या बना दी गई

दर्द की सूरत में वो उम्दा सा तोहफ़ा दे गया

चमन में रह के भी क्यूँ दिल की वीरानी नहीं जाती

बचपन की यादों को भुलाए एक ज़माना बीत गया

अस्ल में मौत तो ख़ुशियों की घड़ी है यारो

अँधेरे से ज़ियादा रौशनी तकलीफ़ देती है

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