साहिर लुधियानवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का साहिर लुधियानवी
नाम | साहिर लुधियानवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Sahir Ludhianvi |
जन्म की तारीख | 1921 |
मौत की तिथि | 1980 |
जन्म स्थान | Mumbai |
ज़िंदगी-भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात
ये दुनिया दो-रंगी है
सब में शामिल हो मगर सब से जुदा लगती हो
नज़र से दिल में समाने वाले मिरी मोहब्बत तिरे लिए है
नहीं किया तो कर के देख
मुझे गले से लगा लो बहुत उदास हूँ मैं
मिरे दिल में आज क्या है तू कहे तो मैं बता दूँ
मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं
मैं जागूँ सारी रैन सजन तुम सो जाओ
मैं जब भी अकेली होती हूँ तुम चुपके से आ जाते हो
कभी कभी
जो बात तुझ में है तिरी तस्वीर में नहीं
जीवन के सफ़र में राही
ग़ैरों पे करम अपनों पे सितम
भूल सकता है भला कौन ये प्यारी आँखें
अब वो करम करें कि सितम मैं नशे में हूँ
आज की रात मुरादों की बरात आई है
वज्ह-ए-बे-रंगी-ए-गुलज़ार कहूँ तो क्या हो
तपते दिल पर यूँ गिरती है
न मुँह छुपा के जिए हम न सर झुका के जिए
जहाँ जहाँ तिरी नज़रों की ओस टपकी है
ज़मीं ने ख़ून उगला आसमाँ ने आग बरसाई
यूँही दिल ने चाहा था रोना-रुलाना
वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
वैसे तो तुम्हीं ने मुझे बर्बाद किया है
वफ़ा-शिआर कई हैं कोई हसीं भी तो हो
उन के रुख़्सार पे ढलके हुए आँसू तौबा
उन का ग़म उन का तसव्वुर उन के शिकवे अब कहाँ
तुम्हारे अहद-ए-वफ़ा को मैं अहद क्या समझूँ
तुम मेरे लिए अब कोई इल्ज़ाम न ढूँडो