तुम मेरे लिए अब कोई इल्ज़ाम न ढूँडो
चाहा था तुम्हें इक यही इल्ज़ाम बहुत है
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ये महलों ये तख़्तों ये ताजों की दुनिया
हिरास
यकसूई
मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया
मिरे गीत
सज़ा का हाल सुनाएँ जज़ा की बात करें
लहु नज़्र दे रही है हयात
नाकामी
किसी को उदास देख कर
एक शाम
इतनी हसीन इतनी जवाँ रात क्या करें