वैसे तो तुम्हीं ने मुझे बर्बाद किया है
इल्ज़ाम किसी और के सर जाए तो अच्छा
Mohsin Naqvi
Javed Akhtar
Wasi Shah
Allama Iqbal
Parveen Shakir
Habib Jalib
Rahat Indori
Jaun Eliya
Gulzar
Ahmad Faraz
Anwar Masood
Faiz Ahmad Faiz
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1524) Peoples Rate This
धरती की सुलगती छाती से बेचैन शरारे पूछते हैं
बरसो राम धड़ाके से
लब पे पाबंदी तो है एहसास पर पहरा तो है
दिल अभी
सुब्ह-ए-नौ-रूज़
माज़ूरी
इस रेंगती हयात का कब तक उठाएँ बार
मिरे अहद के हसीनो
तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम
एक मंज़र
नालाँ हूँ मैं बेदारी-ए-एहसास के हाथों
जीवन के सफ़र में राही