साजिद प्रेमी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का साजिद प्रेमी
नाम | साजिद प्रेमी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Sajid Premi |
मियाँ वो जान कतराने लगी है
लफ़्ज़ आते हैं और जाते हैं
काठ की लड़कियाँ बना ली हैं
हर तरफ़ धूप की चादर को बिछाने वाला
दोस्त अपने हैं लोग अपने हैं
दिल के आँगन में जो दीवार उठा ली जाए
आप इज़्ज़त-मआब सच-मुच के