समद अंसारी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का समद अंसारी

समद अंसारी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का समद अंसारी
नामसमद अंसारी
अंग्रेज़ी नामSamad Ansari

वो गुम हुए हैं मुसाफ़िर रह-ए-तमन्ना में

वो आरज़ू कि दिलों को उदास छोड़ गई

उतरे तिलिस्म शब के उजालों पे रात-भर

तिलिस्म-ए-लफ़्ज़-ओ-मआ'नी को तार तार करें

शरह-ए-जमाल कीजे शहादत के मा-सिवा

रौशनी तक रौशनी का रास्ता कह लीजिए

पत्थर की नींद सोती है बस्ती जगाइए

हम रूह-ए-काएनात हैं नक़्श-ए-असास हैं

हक़-नवाई को ज़माने की ज़बाँ कौन करे

दस्त-ए-शबनम पे दम-ए-शो'ला-नवाई न रखो

चश्म-ए-हैराँ को यूँ ही महव-ए-नज़र छोड़ गए

बुझते सूरज के शरारे नूर बरसाने लगे

अपनी लौ में कोई डूबा ही नहीं

आईना-दिल दाग़-ए-तमन्ना के लिए था

आहटों से दिमाग़ जलता है

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