सरवत ज़ेहरा कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सरवत ज़ेहरा

सरवत ज़ेहरा कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सरवत ज़ेहरा
नामसरवत ज़ेहरा
अंग्रेज़ी नामSarwat Zehra
जन्म की तारीख1972
जन्म स्थानUAE

वक़्त भी अब मिरा मरहम नहीं होने पाता

तुम्हारी आस की चादर से मुँह छुपाए हुए

मिरे जज़्बों को ये लफ़्ज़ों की बंदिश मार देती है

कोई जवाज़ ढूँडते ख़याल ही नहीं रहा

ख़्वाब और तमन्ना का क्या हिसाब रखना है

कैसे बुझाएँ कौन बुझाए बुझे भी क्यूँ

कहाँ पे खोलोगे दर्द अपना किसे कहोगे

जो सारा दिन मिरे ख़्वाबों को रेज़ा रेज़ा करते हैं

जाने वाले को चले जाना है

दिल के दरिया ने किनारों से मोहब्बत कर ली

बिंत-ए-हव्वा हूँ मैं ये मिरा जुर्म है

बिंत-ए-हव्वा हूँ मैं ये मिरा जुर्म है

बस एक बार याद ने तुम्हारा साथ छू लिया

अब तो सँवारने के लिए हिज्र भी नहीं

वक़्त भी मरहम नहीं है

शेरी का नौहा

साए का इज़्तिराब

सदाओं का समुंदर

ख़ला में लुढ़कती ज़मीन

इर्तिक़ा

इंटरनेट-स्थान की मलिका

गुम-शुदा लम्हे की तलाश

फ़ना की अंजुमन से

बिस्तर और बावर्ची

बिंत-ए-हव्वा

बे-परों की तितली

अरीज़े की डाली

अपनी हम-ज़ाद के लिए

अजाइब-ख़ाना

आमरियत का क़सीदा

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