शबनम रूमानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शबनम रूमानी

शबनम रूमानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शबनम रूमानी
नामशबनम रूमानी
अंग्रेज़ी नामShabnam Rumani
जन्म की तारीख1928
मौत की तिथि2009

तेरी ताबिश से रौशन हैं गुल भी और वीराने भी

यही सुलूक मुनासिब है ख़ुश-गुमानों से

तमाम उम्र की आवारगी पे भारी है

शब-चराग़ कर मुझ को ऐ ख़ुदा अँधेरे में

संग-ए-चेहरा-नुमा तो मैं भी हूँ

मेरे प्यार का क़िस्सा तो हर बस्ती में मशहूर है चाँद

मैं ने किस शौक़ से इक उम्र ग़ज़ल-ख़्वानी की

लम्हों का पथराव है मुझ पर सदियों की यलग़ार

कीजिए और सवालात न ज़ाती मुझ से

ख़्वाब देखूँ कि रतजगे देखूँ

कौन सा रंग इख़्तियार करें?

हर साँस में है सरीर-ए-ख़ामा

हर आन एक नया इम्तिहान सर पर है

ढलता सूरज आँख का रेज़ा हो जाता है

अपनी मजबूरी को हम दीवार-ओ-दर कहने लगे

अब उन्हें मुझ से कुछ हिजाब नहीं

आधा जीवन बीता आहें भरने में

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