शबनम शकील कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शबनम शकील

शबनम शकील कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शबनम शकील
नामशबनम शकील
अंग्रेज़ी नामShabnam Shakeel
जन्म की तारीख1942
मौत की तिथि2013
जन्म स्थानKarachi

चलते रहे तो कौन सा अपना कमाल था

अब मुझ को रुख़्सत होना है अब मेरा हार-सिंघार करो

ज़ौक़-ए-नज़र को इज़्न-ए-नज़ारा न मिल सका

ये सिलसिले भी रिफ़ाक़त के कुछ अजीब से हैं

वो तो आईना-नुमा था मुझ को

वहाँ भी ज़हर-ज़बाँ काम कर गया होगा

उन की शर्मिंदा-ए-एहसान सी हो जाती है

तुम से रुख़्सत-तलब है मिल जाओ

तन्हा खड़े हैं हम सर-ए-बाज़ार क्या करें

सिमट न पाए कि हर-सू बिखर गए थे हम

सामने इक बे-रहम हक़ीक़त नंगी हो कर नाचती है

सफ़र की आख़िरी मंज़िल के राहबर हम हैं

सब तोड़ के बंधन दुनिया के मैं प्यार की जोत जगाऊँगी

क़फ़स को ले के उड़ना पड़ रहा है

न पूछ देख के कितना मलाल होता है

मिल बैठने के सारे क़रीनों की ख़ैर हो

मिरा जीना गवाही दे रहा है

मौसम के पास कोई ख़बर मो'तबर भी हो

मंज़र से कभी दिल के वो हटता ही नहीं है

मजबूर हैं पर इतने तो मजबूर भी नहीं

कितने अंजान जज़ीरों में मुझे ले के चला

कितने आसान रास्ते होते

हम तो गवाह हैं कि ग़लत था लिखा गया

हाथ न आई दुनिया भी और इश्क़ में भी गुमनाम रहे

हर रोज़ राह तकती हैं मेरे सिंघार की

हमराह मिरे कोई मुसाफ़िर न चला था

हमराह मिरे कोई मुसाफ़िर न चला था

हम-नशीनो कुछ नहीं रक्खा यहाँ पर कुछ नहीं

हैं मनाज़िर सब बहम-पर्दा नज़र बाक़ी नहीं

गए बरस की यही बात यादगार रही

Shabnam Shakeel Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Shabnam Shakeel including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Shabnam Shakeel. Free Download all kind of Shabnam Shakeel Poetry in PDF. Best of Shabnam Shakeel Poetry in Hindi. Shabnam Shakeel Ghazals and Inspirational Nazams for Students.