ये वहम किसी तरह न माक़ूल हुआ
ये वहम किसी तरह न माक़ूल हुआ
अफ़सोस यक़ीं भी शक पे महमूल हुआ
अल्लाह-री दर-अंदाज़ी-ए-अक़्ल-ए-इंसाँ
मालूम जो था वो भी और मजहूल हुआ
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ये वहम किसी तरह न माक़ूल हुआ
अफ़सोस यक़ीं भी शक पे महमूल हुआ
अल्लाह-री दर-अंदाज़ी-ए-अक़्ल-ए-इंसाँ
मालूम जो था वो भी और मजहूल हुआ
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