शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम (page 6)
नाम | शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम |
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अंग्रेज़ी नाम | Shaikh Zahuruddin Hatim |
जन्म की तारीख | 1699 |
मौत की तिथि | 1783 |
जन्म स्थान | Delhi |
इश्क़ ने किश्वर-ए-दिल लूटा है
इश्क़ की राह में मैं मस्त की तरह
इश्क़ है दारुश्शिफ़ा और दर्द है उस का तबीब
इस ज़माने में न हो क्यूँकर हमारा दिल उदास
इस क़दर की सर्फ़ तस्ख़ीर-ए-परी-रूयाँ में उम्र
इस क़दर बस-कि रोज़ मिलने से
इस दुख में हाए यार यगाने किधर गए
इन दिनों सब को हुआ है साफ़-गोई का तलाश
इन दिनों हम से जो वहशी की तरह भड़को हो
इलाही तुझ से अब कहता है 'हातिम' इस ज़माने में
हुस्न आईना फ़ाश करता है
हम तिरी राह में जूँ नक़्श-ए-क़दम बैठे हैं
हम सीं मस्तों को बस है तेरी निगाह
हम छनालों की छोड़ दी यारी
हम बहुत देखे फ़रंगिस्तान के हुस्न-ए-सबीह
होली के अब बहाने छिड़का है रंग किस ने
'हातिम' उस ज़ुल्फ़ की तरफ़ मत देख
'हातिम' उस ज़ालिम के अबरू को न छेड़
हाथ में देख कर तिरे मरहम
हाथ आता नहीं बग़ैर नसीब
हस्ती से ता-अदम है सफ़र दो क़दम की राह
हक़ से मिलना गेरवे कपड़ों उपर मौक़ूफ़ नईं
हक़ रखे उस को सलामत हिन्द में
हमारी गुफ़्तुगू सब से जुदा है
हमारी अक़्ल-ए-बे-तदबीर पर तदबीर हँसती है
हाजत चराग़ की है कब अंजुमन में दिल के
हैराँ हैं अपने अपने जो देखा सो काम में
है राह-ए-आशिक़ी तारीक और बारीक और सुकड़ी
है कभू दिल में कभू जी में कभू आँखों के बीच
है अबस 'हातिम' ये सब मज़मून ओ मअ'नी का तलाश